मां बेटी का रिश्ता

😍आज के समय में मां और बेटी का रिश्ता कैसा होना चाहिए😍


- अपनी छोटी सी बच्ची को उम्र की एक-एक सीढ़ी तय करके किशोरी, फिर युवती, उसके बाद एक औरत बनते देखना हर मां के लिए एक अनोखा अनुभव होता है | मां ही बेटी को उसके भविष्य के लिए तैयार करती है |

मां बेटी के बीच परस्पर विश्वास का रिश्ता होता है | मांएं जहां बेटियों को जिंदगी के हर अच्छे बुरे समय के लिए तैयार करती हैं वही बेटियां अपनी जिंदगी के हर फैसले में मां की राय को पूरा महत्व देती हैं उम्र के इस पड़ाव तक पहुंचते-पहुंचते मां-बेटी एक दूसरे के सुख दुख परेशानियां और दर्द बांटने लगती हैं | अपनी बिटिया को हाथ पकड़ कर इस मोड़ तक लाने का दायित्व मां का ही होता है | कुछ बातें ऐसी हैं जो अगर माँ शुरू से ही अपनी लाडली को बताए तो वह जिंदगी का बेहतर तरीके से सामना करने के लिए तैयार हो जाती हैं |

😘जिंदगी फूलों की सेज नहीं है


किशोरावस्था में आंखों में ढेरों सपने जाग जाते हैं | दुनिया में सब कुछ बेहद हसीन और आसान लगता है | लेकिन माँ जानती है कि यह हकीकत नहीं है | जिंदगी में बहुत संघर्ष होते हैं, कोई भी चीज आसानी से नहीं मिलती | बातों-बातों में आप अपनी बेटी को जिंदगी के इस सच से रूबरू करवाएं |

😘स्त्री परिवार की दूरी है

स्त्रियों पर ही सारे परिवार को चलाने और सब को एक साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी होती है | स्त्री के इर्द-गिर्द ही पति और बच्चों की दुनिया घूमती है | ऐसी स्थिति में यह एक मां का दायित्व है कि वह अपनी बिटिया को एक जिम्मेदार स्त्री बनने में सहायता दे | शुरू से ही बेटी परिवार में सब के साथ बराबरी और सम्मान का व्यवहार करना सिखाए |

😘आत्म निर्भर होना जरूरी है


बिटिया को शुरू से ही पढ़ाई का महत्व समझाएं | पुरानी मान्यताएं अब बदल रही हैं | आजकल लड़के तो कामकाजी पत्नी चाहते ही हैं, खुद लड़कियों के लिए भी अपने पांव पर खड़ा होना जरूरी है | भविष्य हमेशा सुखद ही होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है | यदि आप या उसका भावी पति नहीं चाहते कि आप की बिटिया नौकरी करे तो भी उसे कुछ ऐसी व्यवसायिक योग्यता अवश्य दिलवाएं, जो जरुरत पड़ने पर उस के काम आ सके| बेटी को जिंदगी के हर रंग के लिए तैयार करें और उसे अपनी जिंदगी के सही फैसले करने के काबिल बनाएं |

😘बेटी को पैसे की कद्र करना सिखाएं

अक्सर किशोर बच्चे पैसे की कद्र नहीं करते | फिल्में देखने, नए कपड़ों या मेकअप पर अनाप-शनाप खर्च करने की आदत अपने बच्चों और खासकर बिटिया में तो बिल्कुल ना पड़ने दें | आखिरकार उसी पर अपने परिवार को अच्छे तरीके से चलाने की जिम्मेदारी आने वाली है | माँ ही बेटी में शौक और जरूरत में फर्क करने की काबिलियत पैदा कर सकती है | घर का बजट बनाते समय युवा बेटी को भी साथ रखें तो बेहतर होगा |

😘अपने शरीर के प्रति वह खुद जिम्मेदार है

आजकल के बदलते मूल्य और विदेशी चैनलों के बढ़ते प्रभाव के कारण किशोरावस्था में अफसर बच्चों के कदम भटक जाते हैं | तो कभी-कभी घर बाहर के कुछ लोग बच्चियों की मासूमियत का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं | एक मां की हैसियत से यह आपकी जिम्मेदारी हो जाती है, कि आप बेटी को अपने शरीर के प्रति सजग करें | उसे बताएं कि अपने स्त्रीत्व के प्रति उसे खुद ही जिम्मेदार होना होगा | आपकी और आपकी बेटी के बीच इतना खुलापन हो कि अगर उसके साथ कभी किसी तरह की दुर्घटना हो जाए, तो भी वह सबसे पहले आपको इस बारे में बताएं | इसी के साथ बिटिया को सही और गरिमापूर्ण तरीके से सजने-संवरने व्यक्तित्व को सवारने और विकसित होते शरीर की पर्याप्त साफ-सफाई रखने संबंधी सभी आवश्यक जानकारी दें |

😘🤱बिटिया की दोस्त बने

किशोरावस्था बहुत नाजुक उम्र होती है | इस समय बच्चों पर माता-पिता से ज्यादा प्रभाव दोस्तों का होता है | जिंदगी में अच्छे दोस्त बहुत मुश्किल से मिलते हैं | अपनी बिटिया को अच्छे दोस्तों का महत्व समझाएं | साथ ही गलत दोस्ती से होने वाले नुकसानों को भी बताएं | बिटिया के साथ अपने संबंध इतने दोस्ताना रखें, कि वह आपके साथ अपनी हर बात शेयर कर सके | यहां तक कि दोस्तों सहेलियों के बीच हुई बातें भी | बेटी में इतना आत्मविश्वास भरे, कि वह अपनी सहेलियों की गलत बातों को मानने से मना कर सके |

😘प्रेम के रास्ते मुश्किल हैं

किशोरावस्था और युवावस्था की दहलीज पर अक्सर विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण हो जाता है | अगर आपकी बेटी भी किसी से प्रेम करने लगी है, तो उससे डांट-फटकार ना करें ना ही तुरंत उसकी शादी करने की फिक्र करने लगे | बेटी को प्रेम के सामाजिक पहलू और प्रेम विवाह के रास्ते में आने वाली मुश्किलों से अवगत कराएं | यदि जरूरी हो तो बेटी के प्रेमी और उसके परिवार वालों से मिले | अगर आपको वह पसंद नहीं है, तो उसकी ठोस वजह बेटी को बताए, उसे और उसके प्रेमी को करियर पर ध्यान देने के लिए समझाएं | आमतौर पर इस उम्र के आकर्षण लंबे समय तक नहीं चलते | लेकिन बेटी को आगाह कर दें, कि प्रेम में पढ़कर सीमाएं ना लांघे, क्योकि इसका खामियाजा आज भी लड़कियों को ही भुगतना पड़ता है |

😘उसका पति कैसा हो

सही उम्र आने पर अपने अनुरूप आदर्श पति का चुनाव करने में बेटी की मदद करें | खूबसूरती, पैसा, संपन्न परिवार ही अच्छे पति की गारंटी नहीं है | लड़के का चरित्र और व्यवहार सुखी दांपत्य के लिए जरूरी है | बिटिया अगर बहुत खूबसूरत या महत्वाकांक्षी है, तो भी उसे बेवजह अच्छे रिश्ते ना ठुकराने दें | उसे प्यार से समझाएं लेकिन अपनी इच्छाओं को उस पर ना लादें | जिंदगी के अहम फैसले उसे खुद करने दें | हां सही राय देना आप का कर्तव्य है |

😘बिटिया पर खुद को न लादें

अपनी महत्वाकांक्षाएं इच्छाएं अपनी बिटिया पर न लादें | यह न सोचें कि जो आप अपनी जिंदगी में नहीं कर पाए उसे बिटिया करेगी या कि अगर आप का प्रेम विवाह सफल नहीं है, तो बिटिया का भी नहीं होगा | बच्चों के बीच किसी तरह का भेदभाव ना करना, उनमें हीन भावना ना आने देना, उनकी पसंद ना पसंद रुचियों को उभारना, यह एक अच्छी जिम्मेदार मां का ही दायित्व है | अगर आप मां की तरह अपने बच्चों में इस तरह का भेदभाव नहीं लाएंगी तो आपकी बिटिया खुद बा खुद बच्चों में समभाव रखना सीखेगी |

😘बच्चे पैदा करना आसान है लेकिन मां बनना बहुत मुश्किल है


हर मां यह जानती है, कि प्रसव पीड़ा तो एक बार ही सहनी पड़ती है | लेकिन मां बनकर कदम-कदम पर आने वाली परेशानियों को झेलना कितना मुश्किल होता है | बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, उनको बड़ा करना, उनके नखरे उठाना, सही नागरिक बनाना किसी कवायद से कम नहीं है | बिटिया को बताएं कि भविष्य में उसे भी किसी की बहू पत्नी और मां बनना है | इसलिए जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ना उचित नहीं है | उसे समझाएं कि बच्चों को जन्म देने से ज्यादा मुश्किल काम है, उन्हें सही तरीके से पालना | एक बात हर मां को समझनी चाहिए, कि बेटी को अपनी जिंदगी को खुद जीना है, खुद संवारना है, अपने फैसले अपने आप करने हैं | आप हर कदम पर उसके साथ नहीं चल सकती | एक उम्र के बाद उसे आपका हाथ छोड़ कर आगे बढ़ना ही होगा | इसके बाद आप उसके सुखी भविष्य के लिए कामना कर सकती हैं, लेकिन उसे खुद सवार नहीं सकती ।😘🥰🥰

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